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लेखनी प्रतियोगिता -06-May-2022

सब कुछ बिखर भी जाए अगर तो क्या ग़म है।

सुख दुःख प्रेम और नफ़रत जिंदगी के स्तंभ हैं।


ज़िन्दगी के खत्म होने से असली अंत होता है।

मध्य में हो अंत अगर तो अंत नहीं वो आरंभ है।


इन अंधेरों से कभी सूरज नहीं रुका करते हैं।

अंधकार को दूर कर सूरज का होता प्रारंभ है।


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13 Comments

Achha likha hai

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Pratikhya Priyadarshini

13-Sep-2022 09:34 PM

Achha likha hai 💐

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Palak chopra

13-Sep-2022 04:00 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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